Home » Uttarakhand jille » जिला चम्पावत परिचय एवं इतिहास

जिला चम्पावत परिचय एवं इतिहास

by Surjeet Singh
समुद्र तल से 1615 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जिला चम्पावत उत्तराखंड के 13  जिलों में से एक है।  प्रकृति की सुरम्य घाटियों एवं मनमोहक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध चम्पावत 1,766  वर्ग किमी० के क्षेत्रफल में फैला हुवा है। 

जिला चम्पावत उत्तराखंड के खूबसूरत पहाड़ों के मध्य में स्थित  एक पर्वतीय जिला है जो की आकर्षक मंदिरों एवं वस्तु शिल्पकला के लिए मशहूर है।  उत्तररखण्ड देवभूमि के नाम से विख्यात है।  इसके  अधिकांश भाग में अधयत्मिक एवं दिव्या आत्माओं का निवास है।  जहाँ पर पवित्र मंदिर, नदिया और धार्मिक स्थल अपने आप में एक विशेष एवं पौराणिक महत्वा को संजोते है।  आज के इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड का प्रसिद्ध जिला चम्पावत के परिचय एवं इतिहास से सम्बंधित मुख्या बातें साँझा करने वाले है।

जिला चम्पावत परिचय

समुद्र तल से 1615 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जिला चम्पावत उत्तराखंड के 13  जिलों में से एक है।  प्रकृति की सुरम्य घाटियों एवं मनमोहक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध चम्पावत 1,766  वर्ग किमी० के क्षेत्रफल में फैला हुवा है।  चम्पावत का नाम राजा अर्जुन देव की बेटी राजकुमारी चंपावती  पड़ा।  राजा अर्जुन देव  ऐतिहासिक समय  में चम्पावत के महान राजा हुवा करते थे जिनकी राजधानी प्राया चम्पावत में थी।  चम्पावत उन जगहों में से एक है एक है जहाँ पर भारत एवं उत्तराखंड संस्कृति की बहु पारदर्शिता छवि प्रकट होती है।

भौगोलिक दृष्टि से चम्पावत तराई, शिवालिक और उच्च पर्वत श्रृंखलाओं में बटा हुवा है जिसके कारण यहाँ की जलवायु में विभिन्नता पाई जाती है।  सर्दियों में जहाँ दूरवर्ती पहाड़ों में बर्फ की सफ़ेद चादर दिखाई देती है वही गर्मियों में यहाँ जगह लाखों आगुन्तकों को तपती गर्मी से राहत देती है।  कुल 192  गांव में निवास कर रहें चम्पावत जिलें की कुल जनसंख्या 2,24,542  है।  आबादी की दृस्टि से यह जिला  उत्तराखंड में  12 नंबर पर आता है।  पर्वतीय जिलें होने के नाते यहाँ पर सीढ़ीनुमा खेत अधिक पाएं जाते है।  परम्परागत कृषि यंत्रों का उपयोग करके यहाँ के लोगों द्वारा गेहू, जौ, तिलहन, एवं धान के साथ मडुवे का उत्पादन किया जाता है।

जिलें में शिक्षा की सुविधाएँ तो है लेकिन आज भी बहुत से गांव ऐसे है जिनके लिए स्कूल दूर दराज में पड़ता है।  लगभग प्रत्येक ब्लॉक के अंतर्गत 40  से 50  विद्यालय मौजूद है।  लेकिन वही अगर बात की जाये उच्च शिक्षा के लिए स्थान की।  तो जिलें के बच्चों को उच्च  शिक्षा प्राप्त करने के लिए या तो शहर जाना पड़ता है या घर से लगभग 30 से 40  किमी० दूर जो की एक बड़ी समस्या बनी हुई है। ठीक इसी तरह से स्वस्थ्य की सुविधाएँ भी है।  अच्छी स्वस्थ्य सुविधा के लिए लोगों को प्रदेश से बहार जाना पड़ता है।

 

जिला चम्पावत परिचय

जिले का नाम चम्पावत
राज्य उत्तराखंड
क्षेत्रफल 1,766  वर्ग किमी०
समुद्रतल से उचाई 1615 मीटर
जनसँख्या 2,24,542
मुख्यालय चम्पावत
भाषा हिंदी, कुमाऊँनी
तहसील पाटी

श्री  पूर्णागिरि

चम्पावत

लोहाघाट

बरकोट

अधिकारिक वेबसाइट https://champawat.nic.in/
जिला चम्पावत इतिहास

चम्पावत जिलें का इतिहास परंपरागत रूप से देवताओं से जुड़ा हुवा है।  जिसका उल्लेख लोककथा महाभारत में भी देखने को मिलता है।  मान्यता है की भगवान विष्णु जब कृष्ण के रूप में जन्मे थे तो उन्होंने कुरुक्षेत्र में पांडवों का समर्थन दिया था।  आज भी चम्पावत के तारकेश्वर मंदिर महाभारत कालीन प्रतिक माना जाता है।  चम्पावत ऋषियों की तपस्या भूमि के लिए जनि जाती है।  स्कंद पुराण में इस क्षेत्र को मानस खण्ड के नाम के जाना जाता है।   चम्पावत का नाम राजा अर्जुन देव की बेटी राजकुमारी चंपावती  पड़ा।  राजा अर्जुन देव  ऐतिहासिक समय  में चम्पावत के महान राजा हुवा करते थे |

महाभारत युग के बाद चम्पावत में विभिन्न में राजाओं का शासन रहा।  जिसमें से सबसे शक्तिशाली कुणिंद वंश को माना गया है।  चौथी एवं पांचवी शताब्दी के मध्य इस जिलें पर नन्द राजाओं ने शासन किया।  इतिहास के पन्नो से यह भी ज्ञात होता है की 636 ईस्वी के बाद चम्पावत पर कत्युरी वंश का शासन रहा।  जिन्होंने अपने शासन के दौरान बहुत से उतार चढ़ाव देखें।  कुमाऊँ पर सफलता हासिल करने के लिए चन्द्रवंशी राजपूतों ने चम्पावत पर कब्ज़ा किया।

पूरे कुमाऊं क्षेत्र पर 2 दिसंबर 1815 को ब्रिटिश ने अधिकार कर लिया था। जिसके बाद आजादी तक इस क्षेत्र पर ब्रिटिश का शासन रहा।  लगभग  20 वीं सदी की शुरूआत में जिला निवासियों द्वारा अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता हासिल हुई।  15 अगस्त 1947  को सम्पूर्ण क्षेत्र को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली।  जिसके बाद यह क्षेत्र अपना वास्तविक स्वरुप को धारण करता गया।  आज इस जिलें में विभिन्न राज्यों, देश – विदेश से लोग आ कर बसे है जो की जिलें की संस्कृति, व्यापार एवं अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देते है।

जिला चम्पावत से जुड़ें महत्वपूर्ण जानकारियां

चम्पावत के प्रसिद्ध मंदिर –

  1. घटोत्कच का मंदिर
  2. रीठा साहिब
  3. पताल रूद्रेश्वर गुफा
  4. बालेश्वर मंदिर
  5. हत्यानौला

चम्पावत के प्रसिद्ध मेले –  

  1. लड़ी धुरा मेला
  2. मानेश्वर मेला
  3. देवीधुरा मेला
  4. पूर्णागिरि मेला
  5. बग्वाल मेला

चम्पावत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल –

  1. पंचेश्वर महादेव मंदिर
  2. पूर्णागिरी मंदिर
  3. बाणासुर का किला
  4. गुरुद्वारा रीठा साहिब
  5. आदित्य मंदिर

चम्पावत के प्रमुख नदियाँ –

  1. गौरी गंगा
  2. सरयू
  3. लोहावती
  4. पनार
  5. काली

You may also like

Leave a Comment