देहरादून उत्तराखंड राज्य एक जिला है जो की राज्य की राजधानी एवं जिले का मुख्यालय के लिए भी प्रसिद्ध है। खूबसूरत ऊचें पहाड़ों के मध्य में स्थित देहरादून उत्तराखंड का एक व्यस्त शहर है। जहाँ दिन रात चहल पहल देखने को मिलती है। आज के इस लेख में हम आप लोगों के साथ प्रसिद्ध जिला देहरादून का परिचय एवं इतिहास से जुड़ें कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा करने है। आशा करते है की आपको यह लेख जरूर पसंद आएगा।
जिला देहरादून परिचय
देहरादून उत्तराखंड के ऊचें पहाड़ों की तलहटी में स्थित एक खूबसूरत सा शहर है जो की राज्य की राजधानी एवं जिला का मुख्यालय के लिए भी जाना जाता है। देहरादून की स्थापना 1699 में हुई थी भौगोलिक दृष्टि से उत्तराखंड का यह समृद्ध जिला है जिसका अधिकांश भाग मैदानी एवं कुछ हिस्सा खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुवा है। देहरादून समुंद्रतल से 2100 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। देहरादून शब्द का वास्तविक अर्थ दो पहाड़ों के मध्य में स्थित भूमि है। प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण देहरादून उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है।
देहरादून जिलें का कुल क्षेत्रफल 3,088 वर्ग किमी० है। जिसका अधिकांश भाग मैदानी होने के कारण कृषि कार्यों के उपयोग की जाती है। जबकि पहाड़ी क्षेत्र पर्यटन का एक हिस्सा बना हुवा है। जहाँ पर आगुन्तक प्रकृति से जुड़ें भिविन्न प्रकार के गतिविधियाँ कर सकते है। शहरी क्षेत्र होने के कारण लोगों के आवास बढ़ते जा रहे है। जबकि एक नजर जिलें की जनसँख्या की ओर डालें तो 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसँख्या लगभग 1,696,694 है।
शहरी जिला होने के कारण जिले में स्वस्थ्य एवं शिक्षा के उपयुक्त साधन मौजूद है। लगभग हर मोहल्लें एवं ब्लॉक में सरकारी व गैरसरकारी प्राथमिक चिकित्सालय के बने हुए है। राज्य के प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान देहरादून में मौजूद है। इसलिए यहाँ पर अन्य जिलें एवं राज्य के लोग भी शिक्षा प्राप्त करने आते है।
जिला देहरादून परिचय |
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जिले का नाम | देहरादून |
राज्य | उत्तराखंड |
क्षेत्रफल | 3,088 वर्ग किमी० |
समुद्रतल से उचाई | 2100 फिट |
जनसँख्या | 1,696,694 |
मुख्यालय | देहरादून |
भाषा | हिन्दी, कुमाऊँनी |
तहसील | देहरादून
डोईवाला ऋषिकेश विकासनगर चकराता कलसी त्यूनी |
अधिकारिक वेबसाइट | https://dehradun.nic.in/hi/ |
जिला देहरादून इतिहास
जिस तरह से प्रत्येक जिला एवं राज्य, संस्थान अपने पीछे इतिहास को छुपाएं बैठते है। ठीक उसी तरह से जिला देहरादून का इतिहास के बारें में जानकारी मिलती है की जिलें का इतिहास कई सौ वर्ष पुराना है। जिसके बारें में यह तक तथ्य मिलते है की देहरादून में तीसरी सदी ईसा पूर्व सम्राट अशोक का अधिकार था। देहरादून सदा से ही आक्रमणकारियों का क्षेत्र रहा है। इतिहास के पन्नों से पता चलता है की देहरादून जिलें पर बहुत से शासकों ने अकर्मण किए। जिनमे से प्रमुख मुग़ल सेना एवं पृथ्वी शाह, और राजपूत, बबर , गोरखा थे।
1654 में इस पर मुगल सेना ने आक्रमण किया था। जिसके तत्पश्चात यहाँ पर आकर्मण होते रहे। गुलाम कादिर के नेतृत्व में अफगानों ने देहरादून पर आकर्मण किया जिससे जिलें पर जन धन की हानि हुई। निष्कर्षतः हम कह सकते है की देहरादून के इतिहास में आक्रमणकारियों का आतंक रहा। बड़े कठिन परिस्थितियों से होकर ही यह उत्तराखंड का एक समृद्ध जिला बन पाया।
जिला देहरादून सांस्कृतिक परिचय
एक पर्वतीय राज्य का हिस्सा होने के कारण जिलें की सांस्कृतिक परिचय खूबसूरत पहाड़ों एवं यहाँ के लोगों के रहन सहन से परिचित होती है।
जिलें को खास बनाते है यहाँ के धार्मिक स्थल जहाँ पर आस्था और भक्ति से जुड़ें लोगों के साथ कला और संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए लोग दिखाई देते है। बाजार की चहल पहल और पारम्परिक वस्तुओं के बिक्रेता आगुन्तकों के ध्यान को आकर्षित करते है।
वैसे पहाड़ की धारों पर स्थित प्राचीन घरों पर बनी खूबसूरत नक्काशीदार वस्तुएं एवं डिजाइन मिस्त्रियों के कौशल और अनुभव को बयां करती है। घरों की ओर प्रवेश करते ही स्वादिष्ट पकवानों की महक कही न कही महिलाओं के भोजन बनाने का अनुभव और स्थानिया मसलों की गुणवत्ता की ओर संकेत करते है।
जिला देहरादून से जुड़ें महत्वपूर्ण जानकारियां
देहरादून के प्रसिद्ध मंदिर – टपकेश्वर मंदिर, सहस्त्रधारा सहस्र्रम धार, लक्ष्मण सिद्ध, साईं दरबार, तिब्बती मंदिर
देहरादून के प्रसिद्ध मेले – बिस्सु मेला , महासु देवता का मेला, लक्ष्मण सिद्ध मेला, टपकेश्वर मेला, झंडा मेला,
देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, रॉबर्स गुफा, टपकेश्वर मंदिर, सहस्त्रधारा, मालसी डियर पार्क,
देहरादून के प्रमुख नदियाँ – गंगा और यमुना, आसन, सुस्वा, टोंस,