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एक दिन में कितने घंटा पढ़ना चाहिए

by Surjeet Singh
एक दिन में कितने घंटा पढ़ना चाहिए यह तो हम अपने लक्ष्य के हिसाब से निर्धारित कर सकते है।  लेकिन यदि आप अभी विद्यार्थी  जीवन अवस्था में है

वैसे तो पढाई करने का कोई निश्चित समय नहीं होता हैं की हमें कब पढाई करनी चाहियें।  लेकिन सही समय एवं सही तरीकें से पढाई करना हमारे लिए बहुत होता है।  क्युकी सही तरह से पढाई करके के ही हम अपने लक्ष्य को आसान बना सकते है।  आज हम आपको एक दिन में कितने घंटे पढाई करनी चाहियें के बारें में जानकारी देने वाले है।

पढाई करने के लिए समय का सही पालन किस तरह से करना है एवं किस तरह से आप पढाई करने के लिए समय श्रेणी बना सकते है उसके बारें में तो हम आपको पहले भी बता चुकें है।  लेकिन एक दिन में कितने घंटा पढ़ना चाहिए यह भी हमें निश्चित रूप से जान लेना चाहियें।

एक दिन में कितने घंटा पढ़ना चाहिए

एक दिन में कितने घंटा पढ़ना चाहिए यह तो हम अपने लक्ष्य के हिसाब से निर्धारित कर सकते है।  लेकिन यदि आप अभी विद्यार्थी  जीवन अवस्था में है तो आपको अपने दिन का अधिक से ज्यादा समय पढाई को देना चाहियें।  लेकिन ऐसा भी नहीं है की हमें अन्य कार्यों में भी अपना सहयोग  नहीं देना चाहियें।  पढाई के साथ साथ हमें अन्य कार्यों को भी उचित समय प्रदान करना चाहियें।  जिस तरह से पढाई जरुरी  होती है ठीक उसी तरह से अन्य कार्य भी महत्वपूर्ण हो सकते है।  हमें एक दिन में कितना घंटा पढ़ना चाहियें पढाई के समय के निर्धारण हम अपने परीक्षा के समय अनुकूल तैयार कर सकते है। हम अपने पढाई के समय को निन्म बिन्दुओं के आधार तैयार कर सकते है।

परीक्षा से 3 महीने पहले पढ़ने का उचित समय

जैसा की हम आपको पहले भी बता चुकें है की पढाई के  समय का निर्धारण हम अपने परीक्षा समय के हिसाब से तैयार कर सकते है।  यदि आपकी परीक्षा के तीन महीने रह चुके है तो यह वह समय है जब आपको अपना अधिक से अधिक समय पढाई को देना चाहियें।  आप स्कूल के अतिरिक्त भी 6  घंटे अपने पढाई को दे सकते है।  ऐसे में आपके पास स्कूल से अतिरिक्त 6  घंटे होते है जिसमें आप अपने हर विषय को एक एक घंटा दे सकते है।  आप चाहें तो इस  समय प्रणाली को दो भागों में विभाजित कर सकते है। सुबह के तीन घंटे एवं रात के तीन घंटे।  रात के समय में आप अपने कठिन विषय का अध्ययन कर सकते है जिससे की आपको नींद भी नहीं आएगी और आपने आराम से तीन घंटे पढ़ सकते है।

परीक्षा से 6 महीने पहले पढाई करने का समय

यदि परीक्षा के 6 महीने बचें हुए हो तो हमारे पास पढाई करने के लिए उपयुक्त समय होता है।  इस समय  हम अपनी पढाई के साथ  अन्य कार्य को भी समय दे सकते है।  परीक्षा से 6 महीने पहले हम पढाई के समय को 4 घंटे  कर सकते है।  इस 4 घंटे में हम अपने कठिन विषय को एक एक घंटा दे सकते है जबकि अन्य सरल विषयों को 45 मिनट दे सकते है।  पढाई करने का हमेशा वह समय चुने जब आप किसी शांत जगह में हो और आप अपने पढाई पर अच्छे से ध्यान लगा सकें।

कक्षा की शुरुवात  में पढाई करने का समय

कक्षा की शुरुवात से ही पढाई करने का  फायदा यह होता है की जब भी हम अपनी परीक्षा के नजदीक पहुंचते है तो हमें जीजें ज्यादा कठिन नहीं लगती है।  क्युकी शुरुवात से ही तैयारी की जाती है तो विषय और भी आसान लगने लगते है।  इसलिए कक्षा की शुरुवात से ही हमें अपनी पढाई की ओर ध्यान देना चाहियें।  कक्षा की शुरुवाती समय में हम अपनी पढाई को 3 घंटे भी कर सकते है।  स्कूल की पढाई  के अलावा घर पर  भी हम पढाई कर सकते है और अपने कठिन विषय के ऊपर तैयारी कर सकते है।  इस तरह से हम अपने  एक दिन के पढाई के समय को अपनी परीक्षा के हिसाब से बना सकते और अपने लक्ष्य तक आसानी से पहुंच सकते है।

यह थे कुछ ऐसे उदहारण जिनके माध्यम से हम अपनी पढाई को सही समय दे सकते है।  कुछ ऐसे भी विद्यार्थी होते है जो परीक्षा के कुछ समय पहले से ही पढ़ना शुरू करते है।  ऐसे में उन्हें  सभी विषय कठिन लगने लगते है और वह अधिक समय पढाई को देने लगते है।  जबकि यह एक गलत आदत हो सकती है जो की केवल अन्य गतिविधियों को ही नहीं अपितु हमारें स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते है।

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