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जिला पौड़ी गढ़वाल परिचय एवं इतिहास

by Surjeet Singh
जिला पौड़ी गढ़वाल परिचय एवं इतिहास

उत्तराखंड भारत का एक पर्वतीय राज्य है जो की देव भूमि के नाम से भी जाना जाता है।  प्रकृति की अलौकिक सुंदरता और चार छोटे धामों का घर उत्तराखंड पवित्र नदियों का उद्गम एवं संगम स्थल भी माना जाता  है।  बहु बोलियों से परिपूर्ण यह राज्य 53454  वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल  में  फैला हुवा है जिसमें कुल 13  जिलें है।  आज के इस लेख में हम आपको उत्तराखंड राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिलें का परिचय दे रहे है। आशा करते है की आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आएगा।

जिला पौड़ी गढ़वाल

प्रकृति की सुंदर एवं हसीन वादियों के बीच में  स्थित जिला पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड के पश्चिमी छोर का एक  जिला है।  जो की एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के तौर पर भी जाना जाता है।  5,329 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में फैला पौड़ी जिला 3501 गावों का निवास स्थान है। जिसमें कुल 6,87,271 लोग निवास करते है।  जिलें का मुख्यालय होने के साथ साथ इसमें कुल 13 तहसील है।  अच्छी शिक्षा सुविधाओं के साथ पौड़ी एक कृषि प्रधान जिला है जिसमें सीढ़ीनुमा खेतों के साथ मैदानी भाग भी शामिल है।  मंत्रमुग्ध कर देनी वाली पौड़ी की प्राकृतिक वादिया आयुर्वेद के विभिन्न जड़ी बूटियों का खजाना है।

जिला पौड़ी गढ़वाल एक नजर

जिले का नाम पौड़ी गढ़वाल
मुख्यालय  पौड़ी
क्षेत्रफल 5,329
जनसँख्या 6,87,271
विधानसभा क्षेत्र 6
लोकसभा क्षेत्र 1
विकास खंड 15
ग्राम 3501
तहसील 13
अधिकारिक वेबसाइट https://pauri.nic.in/
जिले की कृषि व्यवस्था

एक कृषि प्रधान देश का हिस्सा होने के कारण पौड़ी गढ़वाल कृषि योग्य भूमि से समृद्ध है।  पर्वतीय जिला होने के कारण यहाँ पर सीढ़ीनुमा खेत पाएं जाते है।  जिसके कारण यहाँ के लोगों को कृषि कार्यों में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।  अनुमान के मुताविक कहा जा सकता है की पौड़ी गढ़वाल जिलें में कृषि के पर्याप्त साधन न होने के कारण कृषि अनाज का उत्पादन निम्न स्तर का है।  जिसका मुख्या कारण है सिचांई के पर्याप्त साधन का अभाव एवं जंगली जानवरों की अधिकता।

जिले की शिक्षा व्यवस्था

पौड़ी गढ़वाल जिलें में शिक्षा की सुविधाएँ तो है लेकिन आज भी बहुत से गांव ऐसे है जिनके लिए स्कूल दूर दराज में पड़ता है।  लगभग प्रत्येक ब्लॉक के अंतर्गत 40  से 50  विद्यालय मौजूद है।  लेकिन वही अगर बात की जाये उच्च शिक्षा के लिए स्थान की।  तो जिलें के बच्चों को उत्त्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए या तो शहर जाना पड़ता है या घर से लगभग 30 से 40  किमी० दूर जो की एक बड़ी समस्या बनी हुई है।  इसलिए ज्यादातर लोग उच्च शिक्षा के लिए शहर की और निकलते पड़ते है।  जबकि माध्यमिक शिक्षा की उचित सुविधाएँ पर्याप्त है।

जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था

जिले में स्वास्थ्य  सुविधाओं को मध्य नजर रखते हुए लगभग  20  सरकारी अस्पताल  मौजूद है।  जो की उचित स्वास्थ्य  सुविधाओं को मध्य नजर रखते हुए बनाएं गए है।  लेकिन स्वास्थ्य की उचित व्यवस्थाएं न हो पाने के कारण लोगो को शहर की ओर भी  भागना पड़ता है।  जबकि जिलें के हर ब्लॉक से 15 किमी० की दुरी पर सरकारी अस्पताल निर्मित किये गए है।

जिला पौड़ी गढ़वाल से जुड़ें महत्वपूर्ण जानकारियां

पौड़ी के प्रसिद्ध मंदिर – नीलकंठ मंदिर, ज्वाल्पा मंदिर, दुर्गा मंदिर, धारी देवी।

पौड़ी के प्रसिद्ध मेले –  भुबनेस्वरी देवी, सिद्धबली मंदिर , ताड़केश्वर मेला।

पौड़ी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – दूधातोली, पौड़ी, श्रीनगर, खिर्सू, कोटद्वार।

पौड़ी के प्रमुख नदियाँ – अलकनदा, नयार , पश्चिमी रामगंगा।

जिला पौड़ी गढ़वाल का इतिहास

जिला पौड़ी गढ़वाल का इतिहास भी काफी चर्चा का विषय बना हुवा है।  सभी इतिहासकारों द्वारा अपनी जानकारी को मध्यनजर रखते हुए इतिहास के बारें में बताया गया।  दस्तावेज के अनुसार पौराणिक काल में पुरे भारतवर्ष में रजवाड़े निवास करते थे जिनके राजाओं द्वारा केवल राज्य में ही राज किया जाता था।  इतिहास के पन्नो से ज्ञात होता है की गढ़वाल में पहले कत्यूरी राजवंश का शासन हुवा करता था। जिन्होंने समय के साथ सम्पूर्ण उत्तराखंड में शासन किया  और  शिलालेख और मंदिरों के रूप में कुछ महत्वपूर्ण निशानी  छोड़ गए।

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