खूबसूरत पहाड़ों के अलावा उत्तराखंड देवभूमि का कुछ क्षेत्र शहर के मनमोहक दृश्यों के लिए भी प्रसिद्ध है। उन्ही खूबसूरत जगहों में से एक है जिला उधम सिंह नगर जिसका कुछ हिस्सा पर्वतीय एवं कुछ हिस्सा मैदानी है। प्राचीन मंदिर एवं वास्तुकला से निर्मित यहाँ के घर आज भी लोगों के कुशल कौशल एवं राज्य की संस्कृति को प्रदर्शित करती है। अपनी इन्ही बहुखूबियों के चलते यह पूरे देश भर में मशहूर है। आज के इस लेख में हम आपको जिला उधम सिंह नगर के परिचय एवं इतिहास से सम्बंधित मूलभूत जानकारियां साँझा कर रहे है।
जिला उधम सिंह नगर परिचय
उधम सिंह नगर भारत के पर्वतीय राज्य उत्तराखंड का एक जिला है जो की अपनी भव्य संस्कृति, प्राकृतिक दृस्य एवं अपने धार्मिक स्थल मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। उत्तराखंड के 13 जिलों में एक उधम सिंह नगर 2,908 वर्ग किमी0 के क्षेत्रफल में फैला हुवा है। जिले के आंतरिक स्वरुप से ज्ञात होता है की उधम सिंह नगर में कुल 8 तहसील है। जिलें का मुख्यालय रुद्रपुर के नाम से जाना जाता है। उधम सिंह नगर की स्थापना के विषय में ज्ञात होता है की जिले का गठन 1995 ई. को हुवा था। जिला उधम सिंह नगर पहले नैनीताल जिला का हिस्सा हुवा करता था जिसे विभाजन करके 1995 में एक नया जिला बनाया गया।
ऐतिहासिक पहलु के आधार पर मान्यता है की उधम सिंह नगर का प्राचीन नाम गोविषाण था। जिनमें विभिन्न राजाओं ने शासन किया। आज के समय में 2011 की जनगणना के अनुसार जिलें की कुल जनसँख्या लभगग 1,648,902 है जिसमें से 73,1 % जनसँख्या साक्षर है।
जिलें में 9 विधानसभा क्षेत्र एवं 1 लोकसभा क्षेत्र है। अधिकांश भाग शहरी होने से प्रायः यहाँ पर शिक्षा एवं स्वस्थ्य के पर्याप्त साधन है। सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षा के संस्थान उपलब्ध होने से जिलें के विधार्थी उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाते है।
मैदानी क्षेत्र होने से जिला कृषि क्षेत्र में समृद्ध है। लगभग सभी तरह के कृषि उपजों का उत्पादन जिलें में अच्छी मात्र में किया जाता है। दूरवर्ती इलाको में परम्परागत कृषि यंत्र उपयोग में लाएं जाते है। जबकि शहर की ओर अधिकांश लोग नए कृषि यंत्रों के माध्यम से कृषि करते है। सिंचाई के पर्याप्त साधन होने से यहाँ पर गेहूँ , जौ, तिलहन एवं गन्ने की उपज अधिक होती है।
जिला उधम सिंह नगर |
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जिले का नाम | उधम सिंह नगर |
राज्य | उत्तराखंड |
क्षेत्रफल | 2,908 वर्ग किमी० |
स्थापना | 1995 |
जनसँख्या | 1,648,902 |
मुख्यालय | रुद्रपुर |
भाषा | हिन्दी, कुमाऊँनी, गढ़वाली |
तहसील | खटीमा, सितारगंज, किच्छा, रुद्रपुर,गदरपुर, बाजपुर, काशीपुर, जसपुर |
अधिकारिक वेबसाइट | https://usnagar.nic.in/hi/ |
जिला उधम सिंह नगर इतिहास
उधम सिंह नगर के इतिहास में जहाँ ऐतिहासिक पहलु सामने आते है वही पौराणिक कहानियों का अपना महत्व देखने को मिलता है। इतिहासकारों के अनुसार जिला उधम सिंह नगर पर राजा रुद्रचंद्र ने 1588 तक राज किया। जिनके नाम पर रुद्रपुर शहर का नाम रखा जो की जिलें का मुख्यालय के रूप में भी जाना जाता है। भले ही उधम सिंह नगर पहले नैनीताल जिलें का हिस्सा था लेकिन अंग्रेजी शासन के दौरान उसकी स्थित बदहाल रही।
29 सितंबर 1995 को नैनीताल जिलें से विभाजित करके एक नया जिला बनाया गया जो की उधम सिंह नगर के रूप में सामने आया। इसके बीच जिलें के इतिहास में उतार चढ़ाव देखने को मिलें। जबकि आज के समय में देश के कोने कोने से लोग यहाँ आकर बसें है। आज यह जिला सम्पूर्ण व्यवसायों का केंद्र है जो की लोगों की एकता एवं आपसी सम्बन्ध को व्यक्त करता है।
जिला उधम सिंह नगर से जुड़ें महत्वपूर्ण जानकारियां
उधम सिंह नगर के प्रसिद्ध मंदिर –
- चैती देवी
- मोटेशवर महादेव मंदिर
- नानकमत्ता साहिब
- अटरिया मंदिर
उधम सिंह नगर के प्रसिद्ध मेले –
- चैती मंदिर
- अटरिया मेला
उधम सिंह नगर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल –
- पैराडाइज झील
- गिरीताल
- गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब
- अटरिया मंदिर
- मोटेश्वर महादेव मंदिर
- द्रोण सागर
उधम सिंह नगर के प्रमुख नदियाँ –
- गोला नदी
- देहोआ नदी
- शारदा नहर
- द्रोण सागर ताल
- कोसी नदी
- दाबका नदी
- ढेला नदी