जिला उत्तरकाशी भारत के उत्तराखंड राज्य का एक पर्वतीय जिला है। हिमालय की गोद एवं पर्वत श्रृंखलाओं की तलहटी में बसा उत्तरकाशी देवों की जन्म भूमि के रूप में भी जाना जाता है। चार छोटे धामों का केंद्र उत्तरकाशी एक पर्यटन स्थल होने के साथ साथ एक धार्मिक स्थल के रूप में भी पहचाना जाता है। उत्तराखंड की संस्कृति एवं परम्पराओं को संजोता यह जिला आर्थिक रूप से भी एक समृद्ध जिला है। आज के इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों के साथ उत्तराखंड का जिला उत्तरकाशी के बारें में परिचय एवं इतिहास से सम्बंधित जानकारी साँझा करने वाले है।
जिला उत्तरकाशी परिचय
उत्तरकाशी उत्तराखंड राज्य के पर्वतों में बसा एक खूबसूरत सा जिला है। समुंद्रतल से 1158 मीटर की ऊचाई पर स्थित है उत्तरकाशी देव स्थली के नाम से भी जाना जाता है। पवित्र गंगा नदी का उद्गम स्थल एवं चार छोटे धामों का घर उत्तरकाशी उत्तराखंड एक समृद्ध जिला है। उत्तरकाशी जिला 24 फरवरी 19 60 को बनाया गया था कुल 8016 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला जिला उत्तरकाशी उत्तराखंड की धार्मिक नगरी के रूप में भी जानी जाती है। 2011 की जनगणना के अनुसार जिलें की कुल जनसँख्या 330090 है।
एक कृषि प्रधान राज्य का हिस्सा होने के कारण जिलें का मुख्या व्यवसाय कृषि है। कृषि कार्यों के माध्यम से लोग जीवन यापन किया करते है। पर्ववतीय क्षेत्र होने के कारण कृषि कार्यों में दिक्कतों का सामना करना पढता है। अच्छी शिक्षा सुविधाओं के साथ जिलें सरकारी एवं गैरसरकारी दोनों तरह के हॉस्पिटल की सुविधाएँ उपलब्ध है।
राज्य की संस्कृति की अनोखी झलक आपको जिला उत्तरकाशी में देखने को जाएँगी। पारम्परिक पोशाक एवं स्थानिया कला कृतियों से सजें धार्मिक अनुष्ठान लोगो को अपनी ओर आकर्षित करती है। जिससे यहाँ के लोग हमेशा अपनी संस्कृति की जीवंत रखते है। प्राचीन घरों में बने आकर्षक डिज़ाइन लोगों के कौशल को बयां करती है। वही महिलाओं द्वारा बनायें गायें खूबसूरत से ऊनी वस्त्र उनकी कलात्मक अभिव्यक्ति को प्रकट करती है।
जिला उत्तरकाशी परिचय | |
जिले का नाम | उत्तरकाशी |
राज्य | उत्तराखंड |
क्षेत्रफल | 8016 वर्ग किलोमीटर |
समुद्रतल से उचाई | 1158 मीटर |
जनसँख्या | 330090 |
मुख्यालय | उत्तरकाशी |
भाषा | हिन्दी, कुमाऊँनी |
तहसील | भटवाड़ी
डुंडा चिन्यालीसौड़ बड़कोट पुरोला मोरी |
अधिकारिक वेबसाइट | uttarkashi.nic.in |
जिला उत्तरकाशी इतिहास
जैसा की हम आपको पहले भी बता चुके है की जिला उत्तरकाशी 24 फरवरी 19 60 को बनाया गया था। इससे पहले जिलें के इतिहास में उतार चढ़ाव देखने को मिलता है जो की एक रहस्यमय पहलु बना हुवा है। फिर भी यहाँ रवाई वंश का शासन अधिक समय तक रहा। इतिहासकारों का मानना है की जिला गारवाल साम्राज्य का हिस्सा था जो की गढ़वाल राजवंश के अधीन हुवा करता था। लगभग 1814 में गोरखाओं में गोरखाओं के ब्रिटिश संपर्क में आने से उन्होंने अपनी सीमाओं को बढ़ाया जिसके कारण उनके बीच हमेशा मतभेद बने रहते थें।
1815 में गोरखाओं को गढ़वाल क्षेत्र से हटा दिया गया तत्पश्चात गढ़वाल को ब्रिटिश जिलें में जोड़ा गया जो की पूर्व और पश्चिम भाग के रूप में विभाजित होकर सामने आया।
उत्तरकाशीके प्रसिद्ध मंदिर
उत्तरकाशी देवी की जन्म भूमि के रूप में भी जानी जाती है। प्राचीन काल से ही उत्तरकाशी दिव्या आत्माओं की भूमि रही है। प्रसिद्ध गंगा नदी एवं चार छोटे धामों में से एक यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले का ही हिस्सा है। हजारों भक्तों को आकर्षित करता जिला उत्तरकाशी में बहुत से प्रसिद्ध मंदिर है जिनमे रोजाना भक्तों का आवागमन लगा रहता है। उत्तरकाशीके प्रसिद्ध मंदिर निम्न है –
- विश्वनाथ मंदिर
- पौखू देवता मंदिर
- दुर्योधन मंदिर,
- परशुराम मंदिर, गंगोत्री मंदिर
- कंडारा देवता मंदिर
- शक्ति देवी मंदिर
- यमुनोत्री धाम
उत्तरकाशी के प्रसिद्ध मेले
मेलें राज्य की संस्कृति के मुख्या अंग है। पारम्परिक वस्तुओं के साथ पारम्परिक पोशाक राज्य की झलक मेलों में दिखाई देती है। राज्य की संस्कृति को जीवंत रखने के लिए जिलें के लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार के मेलें आयोजित किये जाते है। यह मेलें राज्य की संस्कृति को दर्शातें है। मुख्य रूप से मेले आयोजित करने के पीछें लोगों को आपसी एकता एवं स्थानिया विक्रेताओं को एक मंच प्रदान करना है। उत्तरकाशी के प्रसिद्ध मेलें निम्न प्रकार के है – माघ मेला और सैनिक मेले |
उत्तरकाशी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
जिला उत्तरकाशी पर्वतीय जिला होने के कारण एक पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। प्रकृति की सुन्दर वादियां एवं तरोवताज कर देने वाली आवोहवा पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है। सूर्य उदय एवं सूर्यास्त के मनमोहक दृश्य उत्तरकाशी के ऊचें पर्वतों से देखे जा सकते है। यहाँ पर पर्यटक जंगल ट्रेकिंग के साथ प्रकृति के विहंगम वादियों के दर्शन कर सकते है। उत्तरकाशी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल निम्न है –
- कुटेटी देवी टेम्पल
- दायरा बुग्याल
- नचिकेता ताल
- भैरव टेम्पल
- डोडीताल
- विश्वनाथ टेम्पल
उत्तरकाशी के प्रमुख नदियाँ – गंगोत्री, मेदगंगा, दूधगंगा, रामगंगा व बालगंगा नदियां |