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उत्तराखंड के  बुग्याल

by Surjeet Singh
उत्तराखंड के  बुग्याल

प्राकृतिक सौन्दर्य उत्तराखंड की पहचान है।  पहाड़ी गांव के दूरवर्ती क्षेत्र में सुन्दर से दिखने वाले हरे भरें पहाड़  कोहरे की चादर ओढ़ें हजारों   पर्यटकों को आकर्षित करते है।  पहाड़ की चोटी पर बसे इन्हीं खूबसूरत वादियों को बुग्याल कहा जाता है।   उत्तराखंड में बुग्याल पर्यटन का एक हिस्सा बन चूका है।  शीत ऋतू में जो बर्फ की हसीन वादियों  से ढकें हुए  होते है गर्मियों में वहीं लाखों सेलानियों को अपने ठंडें आवरण से प्रफुल्लित करते है। आज के इस लेख में हम आपको उत्तराखंड के बुग्याल के बारें बताने वाले है।

उत्तराखंड में विभिन्न  बुग्याल स्थित है। लेकिन इनके बारें में जानने से पहले हमें यह जान  लेना चाहियें की बुग्याल क्या होते है।  और किन पहाड़ों को हम बुग्याल कह सकते है।

बुग्याल क्या होते है

बुग्याल मुख्या रूप से पहाड़ की ऊंची चोटियों में स्थित  ढलान और समतली भूमि होती है जो की छोटे छोटे हरे-भरें घास से ढकी हुई होती है।  सामन्यता यह भूमि 3300  मीटर से 4000 मीटर के बीच स्थित होती है।  खूबसूरत होने के साथ साथ यह जगह प्राकृतिक सौन्दर्य से पूर्ण होती है।  इन जगहों में ट्रेकिंग के अलावा कैम्पिंग का आनंद भी लिया जाता है।  सूर्योदय एवं सूर्यास्त के शानदार मनमोहक दृश्य यहाँ देखें जा सकते है।

उत्तराखंड के  बुग्याल
  1. दयारा बुग्याल
  2. बेदनी बुग्याल
  3. तपोवन बुग्याल
  4. औली बुग्याल
  5. चोपता बुग्याल
  6. पिंडारी बुग्याल
दयारा बुग्याल

प्रसिद्ध दयारा बुग्याल राज्य के उत्तरकाशी जिलें में स्थित एक खुबसूरत  पर्यटन स्थल है।  छोटी छोटी  हरी भरी घास और ऊचें पहाड़ों  की   मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता दयारा बुग्याल शीतकाल में  स्कीइंग के शौकीनों के लिए अच्छी जगह मानी जाती है।  दयारा बुग्याल  समुंद्रतल से 3048 मीटर की ऊंचाई स्थित  है। यात्रा की दृष्टि से दयारा बुग्याल  जाने का सबसे अच्छा समय मई-जून एवं दिसम्बर से फरवरी माह के बीच माना जाता है।

बेदनी बुग्याल

समुद्रतल से 3,354 मीटर की ऊँचाई पर स्थित बेदनी बुग्याल उत्तराखंड राज्य के चमोली जिलें  में स्थित है।  प्राकृतिक सौंदर्यता से परिपूर्ण यह जगह हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।  बेदनी बुग्याल के बारें में बताया जाता है की यहाँ  ब्रह्मा जी  ने  वेदों की रचना की थी ।  ऐतिहासिक मान्यताओं के आधार पर बेदनी बुग्याल को पवित्र मन जाता है।  यहाँ पर हर वर्ष रूपकुंड महोत्सव मनाया जाता है।

तपोवन बुग्याल

राज्य के उत्तरकाशी जिलें में स्थित तपोवन बुग्याल आकर्षण का महत्वपूर्ण स्थान है।  प्रकृति  के विहंगम दृश्यों के साथ  सूर्योदय एवं सूर्य अस्त के शानदार नजारें यहाँ से देखें जा सकते है।  प्रकृति प्रेमियों के लिए यह एक अच्छी जगह हो सकती है जहाँ वे प्रकृति के करीब रहकर खूबसूरती का अनुभव कर सकते है।

औली बुग्याल

सिंधुतल से 2500-3050 मीटर की ऊँचाई पर स्थित औली बुग्याल उत्तराखंड के चमोली जिलें में स्थित है।  बर्फ से ढकी खूबसूरत  ऊँची चोटीयो के दृश्य एवं प्राकृतिक ताज़ी हवा को महसूस किया जा सकता है।  औली बुग्याल शीतकालीन हिम क्रीड़ाओं का प्रमुख केंद्र माना जाता है।  यहाँ पर विभिन्न तरह के साहसिक खेल खेले जाते है।

चोपता बुग्याल

राज्य के रुदप्रयाग जिलें में स्थित चोपता बुग्याल उत्तराखंड के खूबसूरत बुग्यालों में से एक है जो की प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं।  हर वर्ष लाखों आगुंतकों को आकर्षित करता चोपता बुग्याल भारत का मिनी स्वीटर्जरलैण्ड के नाम से भी जाना है।  एक शांत वातावरण के साथ कैंपिंग और जंगल ट्रेकिंग का आनंद आसानी से लिया जा सकता है।

पिंडारी बुग्याल

उत्तराखंड के  पिथौरागढ़ जिलें में स्थित पिंडारी बुग्याल साहसिक खेल एवं हरी-भरी मखमली खास की खूबसूरत वादियों के लिए मशहूर है। प्रकृति प्रेमी और फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए पिंडारी बुग्याल सपनों के जहान से कम नहीं है। यहाँ पर पर्यटक विभिन्न प्रकार के साहसिक खेल एवं गतिविधियाँ कर सकते है।

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