Home » Government Support » उत्तराखंड के प्रमुख संगीतकार

उत्तराखंड के प्रमुख संगीतकार

by Surjeet Singh
उत्तराखंड के प्रमुख संगीतकार

उत्तराखंड की कला और संस्कृति को जीवंत रखने में संगीत का बड़ा ही महत्वा पूर्ण योगदान है।  चाहें गढ़वाल क्षेत्र हो या कुमाऊँ, जौनसार हर क्षेत्र में प्रतिभागियों ने रीती रिवाजों को संजोया है जो की मुमकिन हो पाया है संगीतकारों के माध्यम से।  आज हम आपको उत्तराखंड के प्रमुख संगीतकारों के बारें  में जानकारी देने वाले है।

उत्तराखंड के प्रमुख संगीतकार 

  1. नरेंद्र सिंह नेगी
  2. कल्पना चौहान
  3. प्रीतम भारतवान
  4. मीना राणा
  5. पप्पू कार्की
  6. किशन महिपाल
नरेंद्र सिंह नेगी

आवाज से धनी श्री नरेंद्र सिंह नेगी जी का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ।  ये उत्तराखंड के प्रमुख संगीतकार से में एक है जिन्होंने संगीत की हर शैली में गायन किया है।  इनके द्वारा राज्य में प्रचलित स्थानीय भाषाओं जैसे गढ़वाली, रावलती,जौनसारी आदि में कार्य किया गया है।  इन्हें गढ़रत्न एवं गढ़ गौरव की उपाधि भी दी गई है।  इनके लोकगीतों में मातृभूमि और उत्तराखंड के लोगों की जीवन शैली के अनछुए पहलुओं को पिरोया है। जहाँ पुरुषों की मेहनत और महिलाओं को चिंता को दर्शाया है।

कल्पना चौहान

8 सितम्बर 1967 को जन्मी कल्पना चौहान का जन्म भारत के मुंबई शहर में हुआ।  अपनी मधुर एवं सुरली आवाज के चलते इन्हें उत्तराखंड की स्वर कोकिला के नाम से भी जाना जाता है। वह गढ़वाली एवं कुमाऊनी बोली की मुख्य गायिका है। इनके लोकप्रिय गीतों में से एक बारामास  है।  जिसमे इन्होने उत्तराखंड के बारह महीनो का वर्णन एवं महिलाओं के दांपत्य जीवन का श्रृंगार किया है।  इनके गानों में संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। कल्पना चौहान के द्वारा बहुत से प्रसिद्ध गाने गायें गए है जिनके लिए इन्हें चौंदकोट क्षेत्र द्वारा चौंदकोट रत्न से भी नवाजा गया।

प्रीतम भारतवान 

प्रीतम भारतवान उत्तराखंड के प्रमुख संगीतकार में एक है जिन्हें जागर सम्राट के नाम से भी जाना जाता है।  देहरादून के रायपुर में जन्में प्रीतम भारतवान जागर हर किसी के दिलों में जगह में बनायें हुए है।  बचपन से ही गाना गाने के शौक़ होने के कारण 6 वर्ष में ही इन्होनें थाली बजा कर गाना शुरू कर दिया था।  1988 में आल इंडिया रेडिओ के जरिए पहली बार इनका कौशल दुनिया के सामने आया। और तब से वह विभिन्न प्रकार के प्रसिद्ध गानों को गा कर कई अवार्ड्स ले चुके है।

मीना राणा

उत्तराखंड की प्रमुख गायिकाओं में से एक मीना राणा का जन्म सन 24  मई 1975 को हुआ।  बिना किसी  खास प्रशिक्षण के ही वह आगे बढ़ने वालों में से एक है।  जिसका मुख्या कारण है बचपन से ही संगीत से जुड़ाव, जो उन्हें आगे चलकर एक अच्छी गायिका बनाता है।  इनके गीतों में उत्तराखंड संस्कृति के साथ प्राकृतिक प्रेम भाव भी उभरकर आता है।  यही कारण है की उनके गाने हमेशा ही सुपरहिट होते रहे।  समय के चलते वह उत्तराखंड के नव संगीतकारों के साथ भी कार्य करते आ रहे  है।  सन 1991 में नोनी पिचाड़ी नोनी फिल्म के जरिए उनकी मधुर आवाज  उत्तराखंड के पूरे साथ देश भर में फैल गई। और आज उनके द्वारा गाया हुआ हर गाना लोकप्रियता हासिल करता है।

पप्पू कार्की

संगीत के क्षेत्र में पप्पू कार्की का नाम सर्वश्रेठ स्थान पर आता है। उत्तराखंड में शायद ही कोई ऐसा मिले जिसने पप्पू कार्की  का नाम न सुना हो।  अपनी सुरली और मधुर आवाज के चलते केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इनके प्रसंसक देखने को मिल जाते है।  आज भले ही वह हमारें आँखों के सामने न हो लेकिन उनकी मधुर आवाज को दिल से महसूस किया जा सकता है जो की उनके पास होने का एहसास दिलाती है।  उनके द्वारा बहुत से सांस्कृतिक गाने गाये गए है जो प्रसिद्ध होने के साथ साथ सदाबहार भी है।

किशन महिपाल

पहाड़ी नौजवानों की आवाज कहलाने वाले किशन महिपाल का जन्म सन 1 जनवरी 1979  को इंद्रधारा गांव में हुआ।  शिक्षा के समय से ही वह संगीत से जुड़ गए थे।  जिसके कारण संगीत के क्षेत्र में वह प्लेबैक गायक के रूप में दिखते रहें।  उनका पहला गाना किंगरी का छला घुघूती , करके सामने आया जिसमें उन्हें बहुत लोकप्रियता हासिल हुई। उनके द्वारा बहुत से प्रसिद्ध गाने गायें गए है जो की पुरे देश दुनिया में सुने जाते है।

You may also like

Leave a Comment